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kul upyogita kise kahate hain

 upyogita ka arth
upyogita ki
kul upyogita aur simant upyogita mein antar
kul upyogita ka arth
kul upyogita ka sutra likhiye
kul upyogita ka sutra

अर्थशास्‍त्र में उपयोंगिता  को वस्‍तु के उस गुण को कहते है जो मनुष्‍य के किसी न किसी प्रकार की इच्‍छा की पूर्ति करती हो । उपयोंगिता मनुष्‍य के इच्‍छाओं की पूर्ति करती है उसे उपयोंगिता कहते है उपयोगिता को इस प्रकार से समझते है जैैसे किसी वस्‍तु की जरूरत कीसी व्‍यक्ति को है वह वस्‍तु  उस व्‍यक्ति की उपयोंगिता कहलाता है । 

किसी वस्‍तु की वह क्षमता होती जो व्‍यक्ति की आवश्‍यकता को पूरी करती है उसे उपयोगिता  कहते है ।
चाहे वह वस्‍तु लाभदायक हो या हानिकारण । जैसे कोई व्‍यक्ति शराब पीता है तो उसके लिए शराब की आवश्‍यकता पूरी होती है उसे उपयोगिता कहेंगे।

कुल उपयोगिता क्या है

1- कुल उपयोगिता - 
 उपभोक्‍ता द्वारा किसी वस्‍तु की उपभोग की गई सभी इकाईयों से प्राप्‍त उपयोगिताओं का योग की कुल उपयोगिता कहते है ।
 इसकी गणना निम्‍न सूत्रों से किया जा सकती है 
    कुल उपयोगिता =  उपभोग की गई समस्‍त इकाई