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बैंक का अर्थ , परिभाषा, प्रकार

 

बैंक का अर्थ

बैंक शब्द इटालियन भाषा के बैंकों (Banco) से बना है वह फ्रेंच भाषा के बैंके (Banke) से बदला हुआ अंग्रेजी भाषा में बैंक (Bank)  हो गया। बैंक एक ऐसा संस्था है जिसमें लोगों को धन को अपने पास रखता है और आवश्यकता पड़ने पर वह उनका धन वापस कर देता है। यह संस्था सभी लोगों के लिए एक समान होती है। बैंक अपने ग्राहकों को विभिन्न प्रकार की सुविधा देती है जैसे चेक ड्राफ्ट एटीएम नेट बैंकिंग मोबाइल बैंकिंग आदि।

बैंक की कितनी परिभाषाएं हैं?

प्रो. सेयर्स के शब्‍दों के अनुसार - 
बैंक वह संस्‍था है जिसके ऋणों को अन्‍य व्‍यक्तियों के आपसी ऋणों के भुगतान के लिए विस्‍तृत रूप से स्‍वीकार किया जाता है । 

किनले के अनुसार -
बैंक एक ऐसा संगठन है जो सुरक्षित ढंग से ऐसे लोगों को धन उधार देता है जिन्‍हे उसकी आवश्‍यकता होती है और जिनके पास लोग अपनी वह रकम जमा करते है जो उनके उपयोग न हो ।  

बैंक क्या है, बैंक के प्रकार

भारत में निम्‍न प्रकार के बैंक पाये जाते हे -
   

1. व्‍यापारिक बैंक 
    यह एक ऐसा बैंक होता है जो व्‍यापार एवं उद्योग के लिए कम समय के लिए ऋण  प्रदान करती है । ये बैंक लोगों से जमाओं के रूप में नकदी प्राप्‍त करती है ।  यह बैंक लोगों के बचत को प्रोत्साहित करता है छोटे और बड़े व्यापारियों तथा उद्योगपतियों की जरूरतों को पूरी करता है।

2 औद्योगिक बैंक
वह बैंक होते हैं जो उद्योग और धंधा के लिए लंबे समय तक रुपेश संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं इसके अलावा यह बैंक अंशु एवं ऋण पत्रों का अभिगोपन भी करते हैं। 
IDBI Bank, IFCI bank, SFC Bank, ICICI Bank  आदि औद्योगिक बैंक के रूप में कार्य कर रहे हैं।

3. विदेशी विनिमय बैंक 
यह बैंक विदेशी व्यापार की व्यवस्था करते हैं इन बैंकों का मुख्य कार्य विदेशी विनिमय की अर्थव्यवस्था को करना है यह बैंक विदेशी व्यापार के लिए उधार धन देने सलाह लेने विदेशी बिलों का भुगतान क्रय-विक्रय करने तथा आयात निर्यात की व्यवस्था करने का कार्य करते हैं।

4 सहकारी बैंक
सहकारी बैंक सहकारी समिति को कहते हैं जो 10 या 10 से अधिक व्यक्तियों के द्वारा आपस में मिलकर बनाई जाती है आज इसका मुख्य उद्देश्य यह होता है कि आवश्यकता पड़ने पर सदस्यों को अल्पकालिक या मध्यकालीन ऋण देना होता है भारत में तीन प्रकार के सहकारी समितियां पाई जाती हैं 
I प्राथमिक सहकारी समितियां (ग्राम स्तर पर)
II केंद्रीय सहकारी समितियां (राज्य स्तर पर)
III जिला सहकारी बैंक समितियां।(जिला स्तर पर)

5 केंद्रीय बैंक
यह बैंक देश की संपूर्ण बैंकिंग व्यवस्था का शीर्षक होता है यह अन्य बैंकों से अलग होता है इसका मुख्य कार्य है देश के अंदर बैंकिंग प्रणाली को सुव्यवस्था सहित रूप से संचालित करना तथा देश के अन्य बैंकों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करना केंद्रीय बैंक देश की आवश्यकता अनुसार पत्र मुद्रा का भी निर्गमन करता है और देश की साख एवं बैंकिंग व्यवस्था का भी नियंत्रण करता है।