ugc net economics previous papers
ugc net economics pyq
ugc net economics previous papers pdf
ugc net economics paper 2
ugc net economics solved papers pdf in hindi download
ugc net economics solved papers
ugc net economics question paper
ugc net economics question paper pdf
ugc net economics question paper
ugc net economics question paper
ugc net economics question paper
ugc net economics question paper in hindi
1. यदि मदों के एक सेट में प्रत्येक मद का अपना एक निश्चित स्थान हो तब वहः
(a) कमजोर क्रमण है
(b) सशक्त क्रमण है
(c) (a) तथा (b) दोनों सही हैं
(d) उपरोक्त में से कोई सही नहीं है
Ans. (b): यदि मदों के एक सेट में प्रत्येक मद का अपना एक निश्चित स्थान हो तब वह सशक्त क्रमण (strong ordering) होता है। इसका उल्लेख 'प्रो. सैम्युल्शन' अपने 'प्रकट अधिमान सिद्धान्त' में करते हैं।
स्रोत-एच. एल. अहूजा (165)
2. बैरोमैट्रिक नेतृत्व का निहितार्थ है :
(a) कम कीमत फर्म का नेतृत्व
(b) उच्च कीमत फर्म का नेतृत्व.
(c) सर्वाधिक अनुभवी फर्म का नेतृत्व
(d) न्यूनतम अनुभवी फर्म का नेतृत्व
Ans. (c) : अल्पाधिकारी बाजार में फर्मों की संख्या कम होती है। और वे अपने लाभ को अधिकतम करना चाहती है जिससे वे आपस में एक संघ बना लेती है जिसमें एक नेता को चुनती हैं जो कीमत का निर्धारण करता है। सर्वाधिक अनुभवी फर्म को बैरोमैट्रिक फर्म कहते हैं।
स्त्रोत-एच. एल. अहूजा
व्यष्टिपरक
आर्थिक
विश्लेषण (630-31)
3. सीमित मूल्य निर्धारण के साईलोस मोडेल में मांग की लोचः
(a) एकिक लोच
(c) पूर्णरूपेण लोच
(b) पूर्णरूपेण अलोच
(d) अस्थिर
Ans. (a) :
'साईलोस
लाबिनी' के 'सीमा कीमत निर्धारण' मॉडल में मांग की लोच इकाई के बराबर होती है। स्त्रोत-एच. एल. अहूजा व्यष्टिपरक आर्थिक विश्लेषण (688-89)
4. रिज लाइन वह बिन्दु पथ है जहाँ समुचित साधन की सीमान्त उत्पादकता है:
(a) एक के बराबर
(c) एक से अधिक
(b) शून्य के बराबर
(d) एक से कम
Ans. (b) : रिज लाइन विभिन्न बिन्दुओं का वह बिन्दुपथ होता है। जिस पर सम्पूर्ण साधनों की सीमान्त उत्पादकता शून्य (0) होती है। रिज रेखाएँ उत्पादन क्षेत्र की तकनीकी सीमाओं का निर्धारण करती हैं कोई भी उत्पादक इससे बाहर उत्पादन नहीं करता है।
5. उपभोग के मनोवैज्ञानिक नियम का संबंध किससे है?
(a) जे.एम. केन्स
(c) जे. आर. ड्युसेनबरी
(b) मिलटन फ्रिडमैन
(d) एफ. मोडीग्लियानी
Ans.
(a) जे. एम. केन्स
6; केन्स के अनुसार रोजगार का स्तर निर्भर करता हैः
(a) समग्र माँग पर
(b) समग्र आपूर्ति पर
(c) माँग एवं आपूर्ति का संतुलन
(d) प्रभावी माँग
Ans. (d) : केन्स के अनुसार अर्थव्यवस्था में रोजगार का स्तर उत्पादन की मात्रा पर निर्भर करता है तथा कुल उत्पादन की मात्रा प्रभावपूर्ण मांग पर निर्भर करती है अर्थात् रोजगार की मात्रा प्रभावपूर्ण मांग पर निर्भर करती है। पूँजीवादी अर्थव्यवस्था में प्रभावपूर्ण मांग अथवा समर्थ मांग में कमी से बेरोजगारी उत्पन्न होती है। केन्स के अनुसार जिस बिन्दु पर समग्र मांग एवं समग्र पूर्ति वक्र एक-दूसरे को काटते हैं वहीं रोजगार के सन्तुलन स्तर का निर्धारणा एवं प्रभावपूर्ण मांग का बिन्दु होता है।
7. यदि मुद्रा की आपूर्ति M के बराबर है तथा मुद्रा के लिए मांग ky - hi द्वारा दी गई है, तब ब्याज दर (1) के परिप्रेक्ष्य में LM का समीकरण होगा :
(a)
(b) i=y+M h
(c) i=ky+M
(d) i-ky-M
YO
8. गुणक तथा प्रवर्धक के बीच अंतरव्यवहार अनवरत चक्रिन उतार-चढ़ाव उत्पन्न करता है, यह
किसने
कहा
है?
(a) हैरोड - डोमार
(b) कालडर मिरलिस
(c) सैमुएल्स - हिक्स
(d) जॉन रोबिन्स स्त्राफा
Ans. (*) : हिक्स एवं सैम्युल्सन के व्यापार चक्र का सिद्धान्तन गुणक एवं त्वरक की परस्पर अन्तर्क्रिया पर आधारित है जिसमें बताते हैं कि गुणक तथा प्रवर्धक (त्वरक) के बीच अन्तरव्यवहा अनवरत चक्रिक उतार-चढ़ाव
को
उत्पन्न
करता
है।
स्त्रोत-एच.एल. अहूजा
उच्चतर
समष्टि
अर्थशास्त्र (479)
9. वर्तमान समय में HDI को मापा जाता है :
(a) स्वतंत्रतावादी परिपेक्ष्य
(b) आदर्शवादी परिपेक्ष्य
(d) वंचनकारकारी परिपेक्ष्य
(c) अधिप्राप्ति परिपेक्ष्य
Ans. (c) : वर्तमान समय में HDI को अधिप्राप्ति परिप्रेक्ष से मापा जा जाता है।
स्त्रोत-S.N.Lal भारतीय अर्थव्यवस्था सर्वेक्षण तथा विश्लेषण (1:3)
10. आतिवादियों के लिए विकास तथा अल्पविकास है :
(a) आनुक्रमिक
(b) सह उपस्थित
(c) सह जातिय
(d) सह अंक
Ans. ) : अतिवादियों के लिए विकास तथा अल्पविकान सहउपस्थित है।
स्त्रोत-J.P. Mishra
(Development and Planing)
11. IRR ह्रास की वह दर है जो बनाती है :
(a) PVC =
PVB
(b) PVC > PVB
(c)
PVC<PVB
(d) PVB/PVC
>1
ans. a) IRR
ह्रास
की
वह दर है जो PVC = PVB बनाती है।
मोत-जनांकिकी
12. निम्नलिखित में से कौन सा स्थाई अवस्था वृद्धि के अनुरूप नहीं है?
(a) हैरोड तटस्थता
(b) हिक्स तटस्थता
(c) हैरोड अतटस्था
(d) हिक्स अतटस्थता
Ans. (a) : हैरोड तटस्थता स्थायी अवस्था वृद्धि के अनुरूप नहीं है।
13. वास्तविक 'छुरी की धार' समस्या से अभिप्रायं है :
(a) gn = gw
(b) gn और
gw की स्वतंत्रता
(c) gn और
gw की अस्थिरता
(d) स्वयं gw की अस्थिरता
Ans. (c) : वास्तविक छूरी धार समस्या से अभिप्राय यह है कि g. gw, gn में अत्यधिक अस्थिरता पायी जाती है। पूर्णरोजगार सन्तुलन के लिए g = gw = gn होना चाहिए जो कि 'छूरी धार के सन्तुलन' की स्थिति है एक बार यदि अर्थव्यवस्था इस मार्ग से दूर हटती है तो पुनः वापस नहीं आती है। स्त्रोत-एच.एल. अहूजा उच्चतर समष्टि अर्थशास्त्र (656-657)
14. भारत के प्रथम वित्त आयोग का गठन किसकी अध्यक्षता में किया गया था?
(a) के.सी. नियोगी
(b) के, सन्थानम
(c) ए.के. चन्दा
(d) सी. रंगराजन
Ans. (a): भारत में प्रथम वित्त आयोग का गठन के. सी. नियोगी
की
अध्यक्षता
में
वर्ष
1951 में हुआ था।
स्त्रोत-S. N. Lal भारतीय अर्थव्यवस्था
15. भारत के संविधान के प्रावधानों के अंतर्गत निम्नलिखित में कौन सा केन्द्रीय वित्त में आय का स्त्रोत नहीं है?
(a) निगम कर
(b) सीमा शुल्क अधिभार
(c) आयकर
(d) भू-राजस्व
Ans. (d): भू-राजस्व पर राज्य सरकार द्वारा कर लगाया जाता है तथा वसूल किया जाता है अतः यह भारतीय संविधान के प्रावधानों के अन्तर्गत केन्द्रीय वित्त में आय का स्रोत नहीं है।
स्त्रोत-S. N. Lal भारतीय अर्थव्यवस्था (5:4)
16. निम्नलिखित में से कौन-सा प्रनियम एडम स्मिथ से संबंधित है?
(a) लोच का प्रनियम
(b) उत्पादकता का प्रनियम
(c) निश्चितता का प्रनियम
(d) समीचीनता का प्रनियम
Ans. (c) : निश्चितता का सिद्धान्त एडमस्मिथ द्वारा दिया गया है।
17. स्वर्ण मानकों के अंतर्गत, निम्नलिखित में से किसके परिवर्तन द्वारा भुगतान संतुलन में स्वयमेव समायोजन लाया जाता है?
(a) कीमतों का सामान्य स्तर
(b) विनिमय की दरें
(c) कीमतों का सामान्य स्तर तथा विनिमय की दरें
(d) आय
Ans. (b): स्वर्ण मानकों के अन्तर्गत विनिमय की दरों में परिवर्तन करने से निर्यात में वृद्धि एवं आयात में कमी लाया जा सकता है। जिससे किसी देश का भुगतान सन्तुलन देश के अनुकूल हो जाता है।
स्त्रोत-S. N. Lal भारतीय अर्थव्यवस्था (7:6)
18. नवीन उद्योग नीति का प्रमुख बल अधिकतम भागीदारी आमंत्रित करता है। की
(a) सार्वजनिक क्षेत्र
(b) स्टॉक क्षेत्र
(c) निजी क्षेत्र
(d) बैंक
Ans. (c): नवीन औद्योगिक नीति 1991 के आर्थिक उदारीकरण जो विशेष रूप से LPG Model
(Liberlization, Globlization, Privatization) पर आधारित थी जिसका प्रमुख उद्देश्य औद्योगिक क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के हिस्से को कम करना तथा निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाना था।
स्त्रोत-S. N. Lal भारतीय अर्थव्यवस्था (4:5)
19. वर्ष 2003-04 में निम्नलिखित में से कौन सा भारतीय राज्य गेहूँ का सबसे बड़ा उत्पादक था?
(a) पंजाब
(b) हरियाणा
(c) उत्तर प्रदेश
(d) मध्य प्रदेश
Ans. (c): वर्ष 2003-04 में उत्तर प्रदेश गेहूँ का सबसे बड़ा उत्पादक था।
स्रोत-Internet
20. यदि दो चारों के बीच सहसंबंध गुणांक 1 के बराबर है, तो ये चर है।
(a) असहसंबंधित
(b) औसत दर्जे के सहसंबंधित
(c) उच्चस्तरीय सहसंबंधित
(d) पूर्ण रूप में सहसंबंधित
Ans. (*): यदि दो चरों के बीच सहसम्बन्ध गुणांक का मान (-1) हो तो ये पूर्णरूप से सहसम्बन्धित होंगे। सहसम्बन्ध गुणांक का मान स्रोत-D. R. Agarwal
(Quantilative Method) (739)
21. निम्न में से कौन प्रायिकता प्रतिचयन है?
(a) सुविधा प्रतिचयन
(b) सोद्देश्यात्मक प्रतिचयन
(c) क्रमबद्ध प्रतिचयन
(d) कोटा प्रतिचयन
Ans. (c): क्रमबद्ध प्रतिचयन में सबसे पहले समग्र को एक क्रम में व्यवस्थित कर लेते हैं उसके पश्चात् उसमें से यादृच्छिक रूप से प्रतिदर्श का चुनाव करते हैं अतः क्रमबद्ध प्रतिचयन प्रायिकता प्रतिचयन का एक रूप है।
स्त्रोत-D. R. Agarwal (994)
निम्नलिखित
उद्धरण
को
पढ़ें
तथा
प्रश्न
से
22 से 26 के उत्तर इस
उद्धरण
के
आधार
पर
दें-
संयुक्त
राज्य
अमेरिका
का
वास्तविक
घरेलू
सकल
उत्पाद
पिछले
40 वर्षों में 3% की औसत दर से बढ़ा। इस वृद्धि को कैसे समझा जा सकता है? वह एक ऐसी तकनीक का विकास जिसे वृद्धि लेखपाल कहा जा सकता है और जो उत्पादन में वृद्धि को तीन अलग-अलग
स्त्रोतों
में
विभाजित
करती
है: पूंजी में वृद्धिः श्रम में वृद्धि और प्राद्योगिकी में प्रगति। इसे समझने के लिए, 'हम उत्पादन फलन को लिखें, Y = A-F(K,L)
जहाँ
निवर्तमान
प्रोद्योगिकी
के
स्तर
का
एक
माप
है, जिसे संपूर्ण साधन उत्पादकता कहा जाता है। अब उत्पादन में वृद्धि इस प्रकार आर्थिक वृद्धि की समीकरण बन जाती है :
= . + (1- ) +
उत्पादन में वृद्धि दर = पूंजी का योगदान श्रम का योगदान + संपूर्ण साधन उत्पादकता में वृद्धि जबकि पूंजी का तथा (1-) श्रम का उत्पादन में हिस्सा है। चूंकि संपूर्ण साधन उत्पादकता प्रत्यक्ष रूप से प्रेक्षणीय नहीं है, अतः
इसे
अप्रत्यक्ष
रूप
से
मापा
जाता
है।
हम
संपूर्ण
साधन
उत्पादकता
में
वृद्धि
को
इस
प्रकार
अभिकलित (compute)
कर
सकते
हैं
जिससे
आर्थिक
वृद्धि
में
सभी
का
योग
गणना
में
आ
जाये।
उत्पादन में वह बदलाव बताता है जिसे आगतों (inputs) में बदलाव से नहीं आंका जा सकता। को रॉबर्ट सोलो के नाम पर अक्सर सोलो अवशेष भी कहा जाता है क्योंकि सर्वप्रथम सोलो ने ही बताया था कि इसका अभिकलन कैसे किया जाय।
संपूर्ण
साधन
उत्पादकता
में
बदलाव
कई
कारणों
से
हो
सकता
है।
ये
बदलाव
बहुत
या
उत्पादन
के
तरीकों
के
विषय
में
ज्ञान
में
वृद्धि
से
आते
हैं
और
सोलो
अवशेष
को
अक्सर
प्रोद्योगिकीय
प्रगति
को
मापने
के
लिए
इस्तेमाल
किया
जाता
है।
तथापि, शिक्षा तथा सरकारी विनियमन (government regulation) जैसे अन्य कारक भी संपूर्ण साधन उत्पादकता को प्रभावित करते हैं।
22. A इसका माप है-
(a) प्रोद्योगिकी में बदलाव
(b) पूंजी की उत्पादकता में बदलाव
(c) श्रम की उत्पादकता में बदलाव
(d) संपूर्ण साधन उत्पादकता
Ans. (a):
Note - 22-26 तक
के
उत्तर
का
स्रोत
पैसेज
है।
सम्पूर्ण
साधन
उत्पादकता
का
आमाप
है।
23. आगतों (inputs) में बिना किसी बलाव के यदि A में 1% वृद्धि हो तो उत्पादन में वृद्धि होगी-
(a) 1 प्रतिशत
(c) 1 प्रतिशत से कम
(b) 1 प्रतिशत से अधिक
(d) एक अनिश्चित प्रतिशत
Ans. (a) : आगतों में बिना किसी बदलाव के यदि A में 1% वृद्धि हो तो उत्पादन में भी 1% की वृद्धि होगी।
24. सोलो अवशेष है-
a) A b)
C) .
d) (1- )
Ans. (b):
ΔΑ सोलो
अवशेष
है।
25 इनकी माप है- (a) संपूर्ण साधन उत्पादकता
(b) तकनीकी प्रगति
(c) अज्ञान की मात्रा
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Ans. (b): सोलो अवशेष तकनीकी प्रगति का माप है।
26 . नवीन वृद्धि सिद्धान्त का मुख्य बल इस पर है-
(a) के स्रोतों का कूटवाचन (deciphering)
(b) नियो-केन्सीय वृद्धि सिद्धान्त का खंडन
(c) कनवर्जेस का स्पष्टीकरण
(d) डाइवर्जेस का स्पष्टीकरण
Ans. (a) : नवीन वृद्धि सिद्धान्त का मुख्य बल के स्रोतों का कूटवाचन (deciphering) है।
27. निवेश आउटपुट के सिद्धान्त में निम्नलिखित को आरोही क्रम में व्यवस्थित करें :
(i) केन्स का सिद्धान्त
(ii) गतिवर्धक का सिद्धान्त
(iii) गतिवर्धक का लचीला सिद्धांत
(iv) टोबिन का क्यू सिद्धांत
कूट :
(a) (iv)
(i) (ii) (iii)
(b) (ii)
(iii) (iv) (i)
(c) (i)
(ii) (iii) (iv)
(d) (iii)
(iv) (i) (ii)
Ans. (c): निवेश आउटपुट के सिद्धान्त का आरोही क्रम-
(i) कीन्स का सिद्धान्त
(ii) गतिवर्धक का सिद्धान्त
(iii) गतिवर्धक का लचीला सिद्धान्त
(iv) टोबिन का क्यू सिद्धांत
स्रोत-D. N. Dwivedi
28. भारतीय बजट के अध्ययन के लिए निम्नलिखित अवधारणों को आरोही क्रम में व्यवस्थित करें।
(i) आय का घाटा
(ii) बजटीय घाटा
(iii) वित्तीय घाटा
(iv) प्राथमिक घाटा
कूट :
(a) (i)
(ii) (iii) (iv)
(b) (iv)
(iii) (ii) (i)
(i)(iv) (1)
(ii)
(d) (iii)
(i) (iv) (ii)
Ans. (d): भारतीय बजट से सम्बन्धित घाटों का आरोही क्रम-
(iii) वित्तीय घाटा
(1) आय का घाटा
(iv) प्राथमिक घाटा
(ii) बजटीय घाटा
29. क्षेत्रीय गुटों के सिद्धान्त में निम्नलिखित को आरोही क्रम में व्यवस्थित करे।
(i) आर्थिक संघ
(ii) आम-बाजार
(iii) सीमा-शुल्क संघ
(iv) खुला व्यापार क्षेत्र
कूट :
(a) (iii)
(iv) (i) (ii)
(b) (ii)
(i) (iv) (iii)
(c) (i)
(ii) (iii) (iv)
((d) (iv)
(iii) (ii) (i)
Ans. (d): क्षेत्रीय गुटों के सिद्धान्त का आरोही क्रम-
(iv) खुला व्यापार क्षेत्र
(iii) सीमा-शुल्क संघ
(ii) आम-बाजार
(i) आर्थिक संघ
स्त्रोत-S. N. Lal भारतीय अर्थव्यवस्था (7.16-32)
30. मुद्रा के लिए मांग के सिद्धान्त में निम्नलिखित को आरेही क्रम में व्यवस्थित करें।
(i) मुद्रा की एहनियाती मांग के लिए लेन-देन संबंधी मांग
(ii) मुद्रा के लिए अनुमानित मांग
(iii) मुद्रा के लिए सकल पसिम्पत्ति मांग
(iv) मुद्रा के लिए फ्रीडमैन द्वारा प्रस्तावित मांग
कूट :
(a) (i)
(ii) (iii) (iv)
(b) (iv)
(iii) (i) (ii)
(c) (ii)
(iv) (iii) (i)
(d) (iii)
(i) (ii) (iv)
Ans. (a): मुद्रा के लिए मांग के सिद्धान्त का आरोही क्रम-
(i) मुद्रा की एहनियाती मांग के लिए लेन-देन संबंधी मांग
(ii) मुद्रा के लिए अनुमानित मांग
(iii) मुद्रा के लिए सकल पसिम्पत्ति मांग
(iv) मुद्रा के लिए फ्रीडमैन द्वारा प्रस्तावित मांग
स्त्रोत-M.L. झिंगन
जनगणना
2001 के अनुसार निम्नलिखित राज्यों को अवरोही क्रम में व्यवस्थित करें। 31.
(i) महाराष्ट्र
(iii) उत्तर प्रदेश
(ii) पश्चिम बंगाल
(iv) बिहार
कूट :
(a) (i)
(iii) (ii) (iv)
(b) (iv)
(ii) (i) (iii)
(s) (iii)
(i) (iv) (ii)
(d) (ii)
(iv) (iii) (i)
Ans. (c) जनगणना 2001 के अनुसार घटते क्रम जनसंख्या वाले राज्य-
(iii) उत्तर प्रदेश
(i) महाराष्ट्र
(iv) बिहार
(ii) पश्चिम बंगाल
स्रोत-Internet
32. भुगतान में संतुलन के सिद्धान्त में निम्नलिखित को आरोही क्रम में व्यवस्थित करें।
(i) लोची उपागम
(ii) अवशोषण उपागम
(iii) एल.एम. तथा
आई.एस. उपागम
(iv) मौद्रिक उपागम
कूट:
(a) (i)
(ii) (iii) (iv)
(b) (ii)
(iii) (iv) (i)
(c) (iv)
(i) (ii) (iii)
(d) (iii)
(iv) (i) (ii)
Ans. (a): भुगतान संतुलन के सिद्धान्त का आरोही क्रम-
(i) लोच उपागम
(ii) अवशोषण उपागम
(iii) I.S.,
L.M. उपागम
(iv) मौद्रिक उपागम
स्त्रोत-D. N. Dwivedi
(Macro Economics)
33. निम्नलिखित को कालक्रमानुसार व्यवस्थित करें।
(i) (AAY) अन्त्योदय अन्न योजना
(ii)
(SJSRY) स्वर्ण
जयन्ती
शहरी
रोजगार
योजना
(iii)
(VAMBAY) बाल्मीकि
अम्बेडकर
आवास
योजना
(iv) (IAY) ग्रामीण आवास इन्दिरा आवास योजना
कूट :
(a) (ii)
(iv) (i) (iii)
(b) (i)
(ii) (iii) (iv)
(c) (iv)
(iii) (ii) (i)
(d) (iii)
(i) (iv) (ii)
Ans. (a):
(iv) इन्दिरा आवास योजना (IAY) 1999-2000
(ii)
(SJSRY) स्वर्ण
जयन्ती
शहरी
रोजगार
योजना - 1997
(iii) बाल्मीकि अम्बेडकर आवास योजना-Dec. 2001 (VAMBAY)
(i) (AAY) अन्त्योदय अन्न योजना Dec. 2000
स्त्रोत-S. N. Lal भारतीय अर्थव्यवस्था सर्वेक्षण तथा विश्लेषण
34. दो पण्य-पदार्थों के बण्डओ पर कठोर रूप से उत्तल एवं
एकलयी
वरीयताओं
को
मानने
पर
यह
लगता
है।
कि
बण्डल (10,18) तथा (6,30) के बीच उपभोक्ता तटस्थ है। निम्नलिखित बण्डलों पर विचार करें।
(i) (10,18)
(iii) (6,
29)
(ii) (8,
24)
(iv) (5,
18)
न्यूनतम
वरीय
से
अधिकतम वरीय के क्रम में इन बण्डलों को व्यवस्थित करें। कूट :
(a) (iv)
(iii) (i) (ii)
(b) (iv)
(i) (ii) (iii)
(c) (iii) (iv) (i) (ii)
(d) (iv)
(i) (iii) (ii)
Ans. (a)
35. मेल बैठाइए :
(A) डब्लू. डब्लू. रोस्टो
- (i) प्रभावी मांग
(B) रागनर नर्कस (ii) दुर्बल क्रम
(C) जे.आर. हिक्स (iii) संतुलित वृद्धि
(D) जे.एम. केन्स (iv) वृद्धि की अवस्थाएँ
(v)
संरक्षणवाद
कूट
(a) (i)
(ii) (iii) (v)
(A) (B) (C)
(D)
(b) (v) (i)
(iv) (ii)
()(iv) (ii)
(ii) (1)
(d) (ii)
(v) (1) (iv)
उत्तर (c)
Ans. (c):
(a) डब्लू. डब्लू. रोस्टो - वृद्धि की अवस्थाएँ
(b) रैगनर नक्र्क्स - संतुलित वृद्धि
(c) जे.एम. केन्स - प्रभावी
मांग
(d) जे.आर. हिक्स - दुर्बल
क्रम
स्रोत-Development and
Planing-S.N. Lal (141) D. N. Dwivedi-Macro Economics (230) Kusyanies-Micro
Economics (30)
36. मेल बैठाइए :
(A) डब्लू.जे. बॉमोल - (i) एथिक्स आफ इकोनॉमिक्स
(B) बी. अहिलन - (ii) इण्टर-रीजनल
एण्ड
इण्टर- नेशनल ट्रेड
(C) गुन्नार मिर्डाल - (iii) ऐन इन्क्वायरी इन्टू नेचर एण्ड कॉलेज ऑफ वेल्थ ऑफ नेशन्स
(D) ए.के. सेन - (iv) एशियन ड्रामा
(v)
इकोनॉमिक्स
थिअरी
एण्ड
ऑपरेशन
एनालिसिस
कूट :
(A) (B) (C)
(D)
(a) (i)
(iii) (v) (ii)
(b) (v)
(ii) (iv) (i)
(c) (iii)
(i) (ii) (iv)
(d) (ii)
(v) (i) (iv)
Ans. (b):
(a) डब्लू. जे. बॉमोल - इकोनॉमिक्स थिअरी एण्ड ऑपरेशन एनालिसिस
(b) बी. अहिलन - इण्टर-रीजनल एण्ड इण्टर-नेशनल
ट्रेड
(c) गुन्नार मिर्डाल - एशियन ड्रामा
d) ए.के. सेन - एथिक्स आफ इकोनॉमिक्स
स्रोत- Macro
Economy-Kvtsyanies-S.N. Lal (141) International Trade-H.G. Mannur
37. मेल बैठाइए :
(A) करारोपण का प्रनियम - (i) अल्फ्रेड मार्शल
(B) संरक्षणवाद - (ii) मुश्येव
(C) विभेदक घटना - (iii) ए. काण्टिलोन
(D) माँग का लोच - (iv) मर्केण्टीलिज्म
(v)
एडम
स्मिथ
कूट :
(A) (B) (C)
(D)
(a) (i)
(ii) (iv) (iii)
(b) (iii)
(iv) (v) (ii)
(c) (ii)
(1) (iii) (v)
(d) (v)
(iv) (ii) (i)
Ans. D)
(a) करारोपण का प्रनियम - एडम स्थिम
b) संरक्षणवाद - मर्केण्टीलिज्म
c) विभेदक
घटना - मश्ग्रेव
d) मॉंग
कि
लोग - अल्फ्रेड मार्शल
स्रोत- Public Finance-M.
L. Jhingan H. L. Ahuja Micro Economics
38. मेल बैठाइए:
अल्फ्रेड
मार्शल
(A) सापेक्षिक आय परिकल्पना - (i) मिल्टन फ्रिडमैन
(B) स्थायी आय परिकल्पना - (ii) जे. एम. केन्स
(C) पूँजी की सीमांत कार्यक्षमता - (iii) डी. रिकाडों
(D) तुलनात्मक कीमत फायदा - (iv) जे. एस. ड्युसेनबरी
(V) आर. कैटीलोन
कूट:
•
(B) (C) (D)
(a) (iv) (i) (ii) (ⅲ)
(b) (v) (ii) (iii) (iv)
(c) (i)
(iii) (iv) (v)
(d) (ii) (iv) (i) (ⅱ)
Ans. (a):
(a) सापेक्षिक आय प्राक्कल्पना - जे. एस. ड्युसेनबरी
(b) स्थायी आय परिकल्पना -
मिल्टन
फ्रिडमैन
(c) पूँजी की सीमांत कार्यक्षमता - जे. एम. केन्स
(d) तुलनात्मक कीमत फायदा - डी. रिकाडों
स्त्रोत-Micro Economics -D.
N. Dwivedi (170) International Trade-M. L. Jhingan (20)
39. मेल बैठाइए :
(A) वितरण का सीमांत उत्पादकता सीद्धान्त - (i) मूल्य का सिद्धान्त
(B) तुलनात्मक लागत सिद्धान्त - (ii) अतृत्पता का अनुमान
(C) तटस्थ वक्र विश्लेषण - (iii) उत्पाद विभेव
(D) एकाधिकारी प्रतिस्पर्धा - (iv) पूर्ण प्रस्पिर्धा
(v) तरलता की वरीयता
कूट :
(A) (B) (C)
(D)
(a) (v)
(ii) (ⅲ) (i)
(b) (1)
(iii) (ii) (v)
(c) (iii) (iv)
(v) (ii)
(d) (iv)
(1) (ii) (ⅲ)
Ans. (d):
(a) वितरण का सीमांत उत्पादकता सिद्धान्त - पूर्ण प्रतिस्पर्धा
(७) तुलनात्मक
लागत
सिद्धान्त- - मूल्य का श्रम सिद्धान्त
(c) तटस्थ वक्र विश्लेषण - अतृप्तता का अनुमान
(d) एकाधिकारी प्रतिस्पर्धा - उत्पाद विभेद
स्त्रोत-प्रतियोगिता साहित्य सिरीज 191, 11, 42-पत्र,
40. मेल बैठाड़ए:
(A) पूर्ण प्रतिस्पर्धा - (i) मुद्रा की ह्रासमान सीमान्त उपयोगिता
(B) बनौली का प्रमेय - (ii) मजदूरी दर की लचक
(C) रोजगार का शास्त्रीय सिद्धान्त - (iii) संसाधनों की पूर्ण गतिशीलता
(D) किराया संबंधी रिकार्डों का सिद्धान्त -(iv) लचीली
विनिमय
दर
ह्रासमान सीमान्त मुनाफा
कूट :
(A) (B)
(C) (D)
(a) (i)
(ii) (iii) (iv)
(b)
(iv) (v)
(ii) (iii)
(c) (iii)
(i) (ii) (v)
(d) (ii)
(iii) (iv) (i)
Ans. (c):
(a) पूर्ण प्रतिस्पर्धा - संसाधनों की पूर्ण गतिशीलता
(b) बर्नोली का प्रमेय - मुद्रा की ह्रासमान सीमान्त उपयोगिता
(c) रोजगार का शास्त्रीय सिद्धान्त - मजदूरी दर की लचक
(d) किराया सम्बन्धी रिकाडों का सिद्धान्त - ह्रासमान सीमान्त मुनाफा
41. मेल बैठाइए :
(A) टोबिन, जेम्स तथा नार्कोस विलियम (i) प्रामाणिक विकास
(B) सेन, अमर्त्य के. (ii) आर्थिक सम्पन्नता की माप
(C) गोउलेट डी. (iii) मानव विकास प्रतिवेदन
(D) महबूब-उल-हक (iv) विकास आजादी के रूप में
(v) चयनात्मक समतावाद
कूट :
(A) (B) (C)
(D)
(a) (ii)
(iv) (i) (iii)
(b) (i)
(ii) (iii) (v)
(c) (v) (i) (ii) (iv)
(d) (iv)
(iii) (iv) (i)
Ans. (a):
(a) टोबिन, जेम्स तथा नार्कोस
विलियम आर्थिक सम्पन्नता की माप
(b) सेन, अमर्त्य के. विकास आजादी के रूप में
(c) गोउलेट डी. प्रामाणिक विकास
(d) महबूब-उल-हक मानव विकास प्रतिवेदन
42. मेल बैठाइए :
(A) स्थानापन्नता की ह्रासमान सीमांत दर (i) द्वैध अर्थव्यवस्था मॉडेल
(B) श्रम की सीमांतक उत्पादकता (ii) पूँजीगत सकंट का माकर्सवादी सिद्धान्त
(C) अनुपातहीनता तथा अल्प उपभोग (iii) रिकाडों द्वारा प्रतिपादित स्थिर अवस्था
(D) सार्वभौम ह्रासमान सीमांतक फलन (iv) तटस्थ वक्र विश्लेषण
(v) चक्रीय प्रवाह
कूट।
(A) (B) (C) (D)
(a) (v)
(ii) (iii) (i)
(b)
(i) (iii) (iv) (v)
(c)
(iv) (i) (ii) (iii)
(d) (iii) (iv)
(1) (ii)
Ans. (c):
(a) स्थानापन्नता की ह्रासमान सीमांत दर - तटस्थ वक्र विश्लेषण
(b) श्रम की सीमांतक उत्पादकता - द्वैध अर्थव्यवस्था मॉडल
(c) अनुपातहीनता तथा अल्प उपभोग - पूँजीगत सकंट का माकर्सवादी सिद्धान्त
(d) सार्वभौम ह्रासमान सीमांतक फलन - रिकार्डों द्वारा प्रतिपादित स्थिर अवस्था
ध्यान
दें: इस प्रश्नपत्र के शेष प्रश्न कथन और कारण प्रकार के है।
इनमें
से
प्रत्येक
प्रश्न
के
लिए
नीचे
दिये
विकल्पों
में
से
सही
कूट
चुनिए।
कूट :
(a) (A) और (A) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है
(b) (A) और (A) दोनों सही हैं परन्तु (R). (A) की सही व्याख्या नहीं हैं
(c) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है
(d) (A) गलत है, परन्तु (R) सही है
43 . कथन (A): यद्यपि किसी एक सैम्पुल के लिए x¯ तथा X दोनों जनसंख्या माध्य के अनभिनत आकलन हैं, ही
वरीय
आकलक
है
कारण (R): X min की तुलना में ¯X अधिक कार्यक्षम है।
कूट :
(a) (A) और (A) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है
(b) (A) और (A) दोनों सही हैं परन्तु (R). (A) की सही व्याख्या नहीं हैं
(c) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है
(d) (A) गलत है, परन्तु (R) सही है
Ans. (b)
44.
कथन (A): मानवपूँजी को बढ़ाने के लिए हमें सामाजिक क्षेत्र में अपने खर्च को बढ़ाने की आवश्यकता है।
कारण (R): राज्य के क्रियाकलापों की वर्धनशीलता के वेग्नर्स के सिद्धान्त की यही माँग है।
कूट :
(a) (A) और (A) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है
(b) (A) और (A) दोनों सही हैं परन्तु (R). (A) की सही व्याख्या नहीं हैं
(c) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है
(d) (A) गलत है, परन्तु (R) सही है
Ans. (a): एडोल्फ वैगननर अपने बढ़ते हुए राज्य की क्रियाओं के सिद्धान्त में कहते हैं कि सार्वजनिक व्यय में होने वाली वृद्धि की दर आर्थिक संवृद्धि दर की तुलना में अधिक होती है इसलिए मानव पूँजी को बढ़ाने के लिए सामाजिक क्षेत्र पर खर्च बढ़ाना पड़ेगा।
स्रोत-S. N. Lal लोकविल (60)
45. कथन (A): आजकल ज्ञान के उत्पादक प्रिमियम पर हैं।
कारण (R): आग्नेण्टेड कुजनैट्स कर्वे की यह मान्यता है।
कूट :
(a) (A) और (A) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है
(b) (A) और (A) दोनों सही हैं परन्तु (R). (A) की सही व्याख्या नहीं हैं
(c) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है
(d) (A) गलत है, परन्तु (R) सही है
Ans. (b)
46. कथन (A): कर्ज के बढ़ते हुए बोझ के कारण कृषक आत्महत्या कर रहे हैं।
कारण (R): यदि उत्पादन फलन प्रथम डिग्री का समघात है तो F(K,L) = k + L
कूट :
(a) (A) और (A) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है
(b) (A) और (A) दोनों सही हैं परन्तु (R). (A) की सही व्याख्या नहीं हैं
(c) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है
(d) (A) गलत है, परन्तु (R) सही है
Ans. (a): उत्पादन फलन के प्रथम डिग्री समघात होने का तात्पर्यी यह है कि जिस अनुपात में आगतों को बढ़ाते हैं उसी अनुपात में निर्गत भी बढ़ता है। जिससे कृषकों को अपनी लागत मिल पाती है। लाभ की मात्रा शून्य होती है वे लागत को उच्च ब्याज दर पर उधार लेकर लगाते हैं जिससे उनकी लागत बढ़ती जाती है जो आत्महत्या का कारण है।
स्त्रोत-H. L. Ahuja व्यष्टिपरक अर्थशास्त्र (250)
47. कथन (A): भारत में सर्वाधिक वितरण प्रणाली (PDS) से उठाही घट गयी है।
कारण (R) : सरकारी आकलनों के अनुसार भारत में गरीबी घट गयी है।
कूट :
(a) (A) और (A) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है
(b) (A) और (A) दोनों सही हैं परन्तु (R). (A) की सही व्याख्या नहीं हैं
(c) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है
(d) (A) गलत है, परन्तु (R) सही है
Ans. (a): भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली से गरीबों को कम लागत पर अनाज मिल रहे हैं जिससे उनके जीवन यापन करने में आसानी हुई है और PDS से उठाही भी घटी है जिसके परिणामस्वरूप भारत में गरीबी का अनुपात घटा है।
स्त्रोत-S. N. Lal भारतीय अर्थव्यवस्था (3:20)
48 . कथन (A) : अवमूल्यन एक देश के भुगतान संतुलन में घाटे को कम करने में सहायक है जबकि अन्य सभी चीजें वही रहें।
कारण (R) : अवमूल्यन से निर्यातों के मूल्य कम होते हैं और आयातों के मूल्य बढ़ जाते हैं।
कूट :
(a) (A) और (A) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है
(b) (A) और (A) दोनों सही हैं परन्तु (R). (A) की सही व्याख्या नहीं हैं
(c) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है
(d) (A) गलत है, परन्तु (R) सही है
Ans. (a) : जानबूझकर देश की घरेलू मुद्रा के मूल्य को विदेशी मुद्रा के मूल्य के सापेक्ष कम करना ही अवमूल्यन है इसके परिणामस्वरूप घरेलू देश का आयात महंगा हो जाता है एवं निर्यात सस्ता हो जाता है जो कि देश के भुगतान सन्तुलन पर अनुकूल प्रभाव डालता है।
स्त्रोत-S. N. Lal सर्वेक्षण विश्लेषण (7:7)
49. कथन (A): एक विकाशील देश, जिसका
वर्तमान उपभोग पर जोर हो, वह श्रम घनित तकनीकों को चुनेगा।
कारण (R): कीमतों को कम रखने हेतु, एक देश उस उत्पादन कारक का घनित उपयोग चुनता है जिसकी उसके पास बहुलता हो।
कूट :
(a) (A) और (A) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है
(b) (A) और (A) दोनों सही हैं परन्तु (R). (A) की सही व्याख्या नहीं हैं
(c) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है
(d) (A) गलत है, परन्तु (R) सही है
Ans. (a)
. 50 कथन (A): वैश्विक प्रति व्यक्ति आयों में अपसरण (divergence)
हो
रहा
है। .
कारण (R): राष्ट्रों के बीच बचत दरें तथा जनसंख्या वृद्धि की दरें भिन्न-भिन्न हैं।
कूट :
(a) (A) और (A) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है
(b) (A) और (A) दोनों सही हैं परन्तु (R). (A) की सही व्याख्या नहीं हैं
(c) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है
(d) (A) गलत है, परन्तु (R) सही है
Ans. (d): वैश्विक प्रति व्यक्ति = आय विश्व की कुल आय इसमें अपसरण नहीं हो रहा है। जबकि विश्व के विभिन्न राष्ट्रों के बीच
कुल जनसंख्या
जनसंख्या
वृद्धि
की
वर
तथा
जचल
की
बरें
भिन्न-भिन्न हैं।