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वित्तीय प्रणाली से आप क्या समझते हैं | वित्तीय प्रणाली की विशेषताएं | वित्तीय प्रणाली के घटक| वित्तीय बाजार के प्रकार

 

भारतीय वित्तीय प्रणाली pdf,  अर्थ, विशेषता, घटक, प्रकार

     वित्तीय प्रणाली से आप क्या समझते हैं vittiya pranali se aap kya samajhte hain

    अर्थव्‍यवस्‍था  में वित्तीय प्रणाली वह व्‍यवस्‍था होती है जिसके अन्‍तर्गत वित्तीय संस्‍थाओं  द्वारा जो  वित्तीय बचतो को इकठठा  किया जाता है उनके निवेशों का प्रभावपूर्ण आवण्‍टन, विकास एवं विस्‍तार में निवेशों का प्रबन्‍धन एवं  नियंत्रण आदि तत्‍वों या संघटकों का समावेश होता है। 

    वित्तीय प्रणाली का दूसरे शब्‍दो मे अर्थ - यह अर्थव्‍यवस्‍था की वह व्‍यवस्‍था है जिसमें बचत एवं निवेश करने वालों के मध्‍य में निकट सम्‍बन्‍ध स्‍थापित करके  अर्थव्‍यवस्‍था में वित्तीय संसाधनों का संग्रहण विनियोजन प्रबन्‍धन एवं नियंत्रण  किया जाता है। 

    वित्तीय प्रणाली की विशेषताएं |vittiya pranali ki visheshtaen

    1) यह बचतकर्ताओं एवं वित्त की आवश्‍यकता वाले लागों के बीच एक सेतु केरूप में कार्य करती है। 

    2) वित्तीय प्रणाली वित्तीय संसाधनों का संग्रहण, विनियोजन एवं प्रबन्‍धन किया जाता है। 

    3) वित्तीय प्रणाली विभिन्‍न संघटकों का संयोजन है। 

    4) वित्तीय प्रणाली में आर्थिक विाकस का चक्राकार प्रवाह निरन्‍तर चलता रहता है। 


    वित्तीय प्रणाली के घटक|vitteey pranaalee ke ghatak in hindi

    वित्तीय प्रणाली के अन्‍तर्गत उन सभी वित्तीय  संस्‍थाओं एवं वित्तीय सेवाओं का समावेश होता है, जो वित्तीय प्रणाली में सुव्‍यवस्थित एवं सन्‍तुलित ढंग से संचालन  में सहायक  हो और जिसके द्वारा विकासात्‍मक लक्ष्‍यों को सरलता से प्राप्‍त किया जा सके । 

     

    भारतीय वित्तीय प्रणाली क्या है/भारतीय वित्तीय प्रणाली के घटक |bhartiya vittiya pranali kya hai

    भारत में वित्तीय प्रणाली के मुख्‍य घटक  है - वित्त संस्‍थाएँ , गैर बैंकिग वित्त कम्‍पनियॉं, जोखिम  पूँजी कम्‍पनियॉं ओर उद्गम पूँजी कम्‍पनियॉं । बैंक भारत में संस्‍थागत ऋृण का सबसे महत्‍वपूर्ण स्‍त्रोत है। और  इसमें राष्‍ट्रीयकृत बैंक ,क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक  सहकारी बैंक तथा विदेशी बैंकों सहित निजी क्षेत्र के बैंक शामिल है यह राष्‍ट्रीय एवं राज्‍य दोनों स्‍तरों में अनेक प्रकार  से वित्तीय संस्‍थाओं  को स्‍थापित करती है। जो  उद्योगों के  विभिन्‍न आवश्‍यकताओ को पूरा  करती  है। और इसके साथ हि अखिल भारतीय विकास बैंक, विशिष्‍ट वित्त सस्‍थाए,  निवेश संस्‍थाए,  राज्‍य वित्त निगम तथा राज्‍य के औद्योगिक विकास भी शामिल  है। इसके अलावा ऐसी  संस्‍थाओं  को शामिल  किया जाता है जो कई प्रकार से वित्तीय का मध्‍यस्‍थता का काम करती है।  जैसे जमा राशियों को स्‍वीकार करना ।, ऋृण एवं अग्रिम प्रदान करना । पटटे पर देना , भाडे़ पर खरीदकर देना आदि । लघु पूँजी  उद्योग एवं मध्‍यम उद्यमों के गठन के लिए उनके विकास के प्रारम्भिक चरणों में  नि‍धियन का महत्‍वपूर्ण  स्‍त्रोत है।

    वित्तीय बाजार क्या है| vittiya bazar kya hai

    वित्तीय बाजार एक ऐसी व्‍यवस्‍था होती है जो वित्तीय परिसम्‍पत्तियों के सृजन करना तथा हस्‍तानान्‍तरण का मौका देती है। वित्तीय बाजार एक ऐसी संस्‍था एवं संगठन होता है जिसके अन्‍तर्गत वित्तीय समपत्तियों क्रय विक्रय किया जाता है और इसके साथ हि क्रय - विक्रय हेतु सुविधा उपलब्‍ध करायी जाती है।  इस तरह के बाजारों में निवेशकर्ताओं तथा उधारी प्राप्‍त कर्ताओं  के लेन-देन में सुविधा जनक बनाने मध्‍य कार्य करती है। जैसे कार्य करने वाले दलाल ,  वाणिज्यिक बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्‍थाए, बैंक पारस्‍परिक कोष, कटौती गृह, स्‍वीकृत गृह तथा केन्‍द्रीय बैंक आदि। 

    दूसरे शब्‍दों में वित्तीय  बाजार वित्तीय प्रणाली का एक  ऐसा संघटक है जो  वित्तीय  उत्‍पादों के  विनिमय व्‍यापार के लिए एक नीतिगत संरचना द्वारा निर्देशित तन्‍त्र बनाता है। उधारकर्ता, ऋृणदाता और वित्तीय मध्‍यस्थ वित्तीय बाजारों में प्रतिभागी होते है। 

    वित्तीय बाजार की विशेषताएं

    1. वित्तीय बाजार, वित्तीय प्रणाली का एक अभिन्‍न अंक या संघटक है। 

    2. वित्तीय बाजार में वित्तीय उत्‍पादों या सम्‍पतियों का क्रय-विक्रय किया जाता है।  

    3.  ये बाजार वित्तीय सम्‍प‍ित्तियों के सृजन एवं  हस्‍तानान्‍तरण का अवसर प्रदान करता है।

    4. वित्तीय बाजारों में निवेशकर्ताओं तथा उधार प्राप्‍तकर्ताओं के लेन-देन को सुविधाजनक बनाने हेतु कई वित्तीय मध्‍यस्‍थ एवं वित्तीय संस्‍थाए कार्य करती है। 

    5. वित्तीय बाजारों में अतिरिक्‍त संस्‍था कोष रखने वाले तथा कोष की  आवश्‍यकता रखने वाले लोग किसी  के मध्‍यस्‍थ के माध्‍यम से अपना कोष हस्‍तान्तिरित करते है।

    वित्तीय बाजार के प्रकार

    व‍ित्तीय बाजार दो प्रकार के होते है
    1. मुद्रा बाजार
    2. पूॅ्ंजी बाजार