रक्षा बंधन का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?
रक्षा बंधन की शुरुआत कैसे हुई?
रक्षा बंधन की कहानी क्या है?
रक्षाबंधन शब्द से आप क्या समझते हैं?
रक्षा बंधन से हम क्या सीख सकते हैं?
रक्षा बंधन कब शुरू हुआ था?
रक्षा बंधन का अर्थ –
इस त्योहार के नाम से हि पता चलता है कि सुरक्षा का बन्धन है रक्षा बंधन का शाब्दिश अर्थ है सुरक्षा का बन्धन है । यह भाई और बहन के मध्य (बीच) पवित्र रिश्ते का जश्नन मनाया जाता है । यह त्योहार सबसे अधिक भारत देश में मनाया जाता है । इस त्योहार में एक बहन के द्वारा अपने भाई के कलाई पर राखी (पवित्र धागा) बाधा जाता है । यह रक्षा बंधन भाई एवं बहनों के बीच रिश्ते का सम्मान के प्रति मनाया जाता है। यह त्योहार में बहन को भाई द्वारा रक्षा का वचन दिया जाता है। और इस त्योहार में सभी भाई और बहन एक साथ इकठ्ठा होकर रक्षा बंधन का त्योहार बनाया जाता है। इस त्योहार में बहन अपने भाई को खुशी के मौके पर मिठाई केला जलेबी आदि बाजार या घर से बनाती या लाती है । और उस दिन भाई बहन काफी आनन्दित होते है।
राखी कौन से हाथ में बांधी जानी चाहिए
राखी को बहने भाई को दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बाधती है।
रक्षा बन्धन कैसे बनाये
रक्षा बन्धन का दिन बडा हि खुशी का दिन होता है जिसमें भाई और बहन सुबह स्नान करके अपने भगवानों की पूजा करते है । इसके बाद बहन एक थाल में दीप, अक्षत, कुमकुम, राखी आदि को सजाकर अपने भाई के पास जाती है। फिर भाई के माथे पर कुमकुम लगाती है इसके बाद वह भाई के दाहिने हाथ की कलाई पर रक्षा सुत या पवित्र धागा को बंधते है।
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त कब है 2023 –
दिन गुरुवार 31 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक है। आपकी पूजा की थाल पर धूप, दीपक और नारियल का होना चाहिए।
राखी का त्योहार कब से शुरू हुआ है
यह त्योहार की शुरूआत लगभग 6000 वर्ष पहले की बताई जाती है इस त्योहार को साक्षी करने के लिए इतिहास के पन्नों पर मौजूद है।
आध्यात्मिक रूप से कब शुरूआत हुई
माता लक्ष्मी जी ने अपना भेष बदलकर राजा बलि को राखी बॉधी और भगवान विष्णु जी को मॉग लिया था ठीक संयोग बस उस दिन सावन की पूर्णिमा थी । ऐसा माना जाता है कि उसी समय से भाई और बहन के पवित्र रक्षा बन्धन का त्योहार मनाया जाता है।