पूर्ति की लोच किसे कहते हैं
पूर्ति की लोच
purti ki loch
purti ki loch ka sutra
purti ki loch kise kahate hain
purti loch ka sutra bataiye
पूर्ति की लोच से आप क्या समझते हैं | purti ki loch ka kya arth hai
जिस प्रकार हम मांग कि लोच के समान ही पूर्ति लोच का भी अध्ययन किया जाता है। जिस तरह मांग कि लोच कीमत व मांग की मात्रा के बीच के संबंध को बताता है उसी प्रकार कीमत में परिवर्तन से पूर्ति की मात्रा में होने वाले परिवर्तन की माप को पूर्ति कि लोच बताती हैं। दूसरे शब्दों में पूर्ति की लोच वह तकनीकी धारणा है जो वस्तु की कीमत में होने वाले परिवर्तन के परिणाम की मात्रा में होने वाली परिवर्तन की माप दर्शाती है या प्रस्तुत करती है।
purti ki loch ka sutra likhiye
पूर्ति की लोच का सूत्र क्या है?
▲ = सूक्ष्म परिवर्तन को प्रदर्शित करता है
▲q = पूर्ति की मात्रा में परिवर्तन
▲p = कीमत में परिवर्तन
q = पूर्ति की प्रारम्भिक मात्रा
P = प्रारम्भिक कीमत
पूर्ति कि लोच की परिभाषा क्या है? purti ki loch ki paribhasha
प्रोफेसर बोल्डिंग के अनुसार
कीमत और फोर्थ की मात्रा में जो संबंध होता है वह एक कुत्ते और सिटी के संबंध की बात होता है आप इतनी जोर से सीटी बजाएंगे कुत्ता उतनी तेजी से भागेगा इसी प्रकार जितने तेज से कीमत बढ़ेगी उतने ही तेजी से वस्तु की पूर्ति की मात्रा बढ़ेगी।
प्रोफेसर लिपसी के अनुसार
पूर्ति की लोच सुधार के निर्देश अमोल को प्रदर्शित करती है जिसे हम पूर्व में हुए प्रतिशत परिवर्तन को मूल्य में हुए प्रतिशत परिवर्तन से विभाजित करके प्राप्त करते हैं।
प्रोफ़ेसर मार्शल के अनुसार
पूर्ति लोच से अभिप्राय कीमत में परिवर्तन की प्रक्रिया स्वरूप पूर्ति की मात्रा में होने वाले परिवर्तन से होता है इसे ज्ञात करने के लिए पूर्ति की मात्रा मैं अनुपातिक परिवर्तन को मूल्य में हुए अनुपातिक परिवर्तन से विभाजित करना होता है।
पूर्ति की लोच कितने प्रकार के होते हैं?। पूर्ति की लोच के पांच प्रकार क्या हैं?। पूर्ति लोच के 3 प्रकार क्या हैं? purti ki loch kitne prakar ki hoti hai
1)पूर्णतया लोचदार पूर्ति
जब वस्तु की कीमत में अत्यंत थोड़ा परिवर्तन होने पर विक्रेता की बिक्री के लिए बहुत अधिक मात्रा में वस्तु प्रस्तुत करते हैं तो पूर्ति पूर्णतया लोचदार कहलाती है। इस प्रकार की पूर्ति कि लोच काल्पनिक होती है व्यवहार में यह प्रायः देखने को नहीं मिलती है अतः इस प्रकार की पूर्ति की लोच को अनंत कहते हैं।
2)अत्यधिक लोचदार पूर्ति
जब वस्तु की कीमत में अनुपातिक परिवर्तन की तुलना में पूर्ति में अनुपातिक परिवर्तन अधिक होते हैं तो इससे अत्यधिक लोचदार कोर्ट कहते हैं। इस तरह की लोच को इकाई से अधिक लोच कहते हैं।
3) लोचदार पूर्ति
जब किसी वस्तु की मूल्य वह आपूर्ति में सामान दरों में परिवर्तन होता है तो पूर्ति की लोच इकाई के बराबर या रोज पूर्ति होगी। अर्थात जितनी वस्तु की मात्रा में मूल्य में वृद्धि होती है ठीक उतनी ही मात्रा में पूर्ति में भी वृद्धि होती है
4)पूर्णतया बेलोचदार पूर्ति
जब वस्तु के मूल्य में परिवर्तन होने पर भी पूर्ति की मात्रा स्थिर रहती है तो पूर्ति की लोच शून्य होती है और इसे पूर्णतया बेलोचदार पूर्ति कहते हैं।
5)बेलोचदार पूर्ति
जब वस्तु के मूल्य में अनुपातिक परिवर्तन की तुलना में पूर्ति में अनुपातिक परिवर्तन कम होते हैं तो पूर्ति बेलोचदार होती है। इस प्रकार की पूर्ति की लोच इकाई से कम कहलाती हैं।
उदाहरण :- जैसे किसी वस्तु की कीमत 50 परसेंट में वृद्धि होती है तो उसकी पूर्ति में केवल 10 परसेंट की वृद्धि होती है तो ऐसी पूर्ति को बेलोचदार पूर्ति कहा जाता है।