मॉंंग से आप क्या समझते है,
मॉंग को प्रभावित करने वाले तत्व लिखिए,
मॉंग की परिभाषा, मॉंग के नियम लिखिए,
माँँग के नियम की विशेेषता, मॉंग के नियम की मान्यता लिखिए,
माँँग के नियम लागू होने के कारण बताइए,
मॉंग के नियम के अपवाद लिखिए
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mang ke niyam se kya abhipray hai
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मांग का अर्थ एवं परिभाषा / mang ka arth likhiye
माॅग से अभिप्राय है कि एक दी हुई वस्तु की उन विभिन्न मात्राओं से हैं जिन्हें उपभोक्ता एक बाजार में किसी दिए हुए समय में विभिन्न मूल्यों पर खरीद करते हैं वस्तु के लिए केवल इच्छा का होना ही वस्तु की मांग नहीं कहलाते बल्कि इच्छा की पूर्ति के लिए व्यक्तियों के पास साधन भी होने चाहिए तभी वह माग कहलाएगी।
अर्थशास्त्र में मांग की परिभाषा क्या है?/ mang ki paribhasha
mang ki paribhasha in hindi
प्रोफ़ेसर मिल के अनुसार
मांग से हमारा आशय किसी वस्तु की उस मात्रा से होता है जो एक निश्चित मूल्य पर खरीदी जाती है इसका अर्थ मांग सदा मूल्य से संबंधित होता है।
प्रोफ़ेसर पेंशन के अनुसार
मॉग में निम्नलिखित तीन बाते शामिल होती है
1 किसी वस्तु को प्राप्त करने की इच्छा
2. उसे क्रय करने के साधन और
3. इन साधनों से वस्तु प्राप्त करने की तत्परता।
प्राफेसर बेनहम के अनुसार
किसी दिये हुए मूल्य पर वस्तु की मॉग उस मात्रा को कहते है जो उस मूल्य पर एक निश्चित समय में क्रय की जाती है ।
मॉंंग को प्रभावित करने वाले तत्व लिखिए /mang ke tatv
1. वस्तु की कीमत - किसी वस्तु की मॉग को प्रभावित करने का महत्वपूर्ण तत्व उसकी कीमत होती है । अगर वस्तु की कीमत में परिवर्तन होने पर उसकी मॉग में भी परिवर्तन हो जाता है । अधिक्तर वस्तु की कीमत घटने पर वस्तु की मॉग बढ जाती है । ठीक इसी के उल्टा होता है अगर वस्तु की कीमत बढती है तो उसकी मॉंग घट जाती है ।
2. उपभोक्ता की आय - वस्तु की उपभोग करने वाले व्यक्ति की आय भी किसी वस्तु की मॉंग को निर्धारित करने वाला महत्वपूर्ण निर्धारक तत्व है । उदाहरण के लिए अगर किसी व्यक्ति की आय बढ जाने पर वह किसी वस्तु की अधिक मात्रा में ऊचे मूल्य पर क्रय करेगा। अगर आय कम होने पर वस्तु को क्रय करने की मूल्य में कम मात्रा में क्रय करेगा।
3. धन की वितरण - यदि समाज में मूल्य का वितरण असमान है तो ऐसी वस्तुओं की मॉग अधिक होगी जो पूजीपतियो द्वारा वस्तुओं को खरीदी की जाती है । यदि व्यक्तियों के आय समान है तो व्यक्तियों के आय में कम अन्तर आयेगा वस्तु की मॉंग बढेगी।
4. जनसंख्या में परिवर्तन - जनसंख्या बढने पर वस्तुओं की मूल्य अधिक होने पर भी वस्तु की मॉग बढती है । अगर कम जनसंख्या होगी तो वस्तुओ की मॉग कम होगी ।
5. ऋतु में परिवर्तन -ऋतु परिवर्त में भी मॉग का प्रभाव पडता है जैसे ठंडी के ऋतु में बर्फ का मूल्य कम हाे जाता है और उसकी कोई मॉग भी नही करता है इसके विपरीत अगर गर्मी का ऋतु हो तो बर्फ का मूल्य बढ जाता है ।
अर्थशास्त्र में मांग का नियम क्या है?/ मांग के नियमों से क्या अभिप्राय है?/ mang ke niyam
मॉंग का नियम - किसी वस्तु का मूल्य तथा उस वस्तु की मागी गई मूल्य की मात्रा के परस्पर संबंध को माँँग का नियम कहा जाता है । माँँग का नियम यह सिद्ध करता है कि किसी वस्तु का मूल्य बढने पर उसकी मॉंग में कमी तथा मूल्य घटने पर मॉग में बढने लगती है ।
मांग के नियम की विशेषताएं/ mang ke niyam ki visheshtayen bataiye
1. कीमत एवं मॉंग में विपरीत संबंध होते है
2. कीमत स्वतंत्र होती है और मॉग आश्रित होता है
3. मॉंग का नियम एक गुणात्मक कथन है ।
4. मॉग का नियम किसी निश्चित समय पर वस्तु अथवा सेवा की कीमत और मॉंग में विपरीत संबंध को स्पष्ट करती है ।
मांग के नियम की व्याख्या कीजिए/ mang ke niyam ki vyakhya
1) किसी वस्तु की उपभोग करते समय में व्यक्ति की आय में परिवर्तन नही होना चाहिए क्योंकि ऐसी स्थिति में उसके खर्च करने की शक्ति में परिवर्तन हो जाता है ।
2) यदि वस्तु के प्रतिस्थानापन्न सम्भव हो तो उस वस्तु के मूल्य में किसी भी तरह का परिवर्तन नहीं होना चाहिए क्योंकि यह नियम ठीक प्रकार से लागू नहीं होता है ।
3) उपभोग करने वाले व्यक्ति की वस्तु को प्राप्त करने की तीव्रता समान रहनी चाहिए । यदि इसमें किसी प्रकार का परिवर्तन होता है तो माग का नियम ठीक प्रकार से लागू नही होता है ।
4) उपभोग करते समय उपभोक्ता की इच्छा में कोई परिवर्तन नही होना चाहिए ।
5) वस्तु की पूर्ति करते समय वस्तु के आकार या गुण में कोई परिवर्तन नही होना चाहिए ।
मांग का नियम क्या है इसकी मान्यताओं और अपवादों की व्याख्या करें?/ mang ke niyam ki manyata
1) सीमान्त उपयोगिता हास्य नियम - यह नियम यह बताता है कि जैसे- जैसे एक वस्तु की अधिक इकाइयों का उपयोग किया जाता है वैसे-वैसे उससे प्राप्त होने वाली सीमान्त उपयोगिता कम होती जाती है क्योंकि उपभोक्ता वस्तु के लिए सीमान्त उपयोगिता के बराबर मूल्य नही देने को तैयार रहता है यदि वस्तु की मूल्य में कमी हाती है तो उपभोक्ता वस्तु की अधिक इकाई का उपभोग करता है । अत- मॉग का नियम सीमान्त उपयोगिता के हास्य नियम पर आधारित है ।
2) प्रतिस्थानापन्न वस्तुओ का प्रभाव - जब किसी वस्तु की मूल्य बढती है तो इसकी स्थानापन्न वस्तु की सामने मूल्य स्वम् हि कम हो जाती है । जैसे कि वस्तु की कीमत वृद्धि होने पर इसकी स्थानापन्न वस्तु अपेक्षाकृत सस्ती हो जाती है ।
काॅफी की मूल्य में अधिक होने पर लोग चाय की अधिक मॉग करते है ।
3) आय प्रभाव - आय प्रभाव यह बताता है कि किसी वस्तु के मूल्य में कमी होने से उभोक्ता की आय या क्रय-शक्ति में वृद्धि होती है। और वह मुद्रा की उतनी ही मात्रा में अधिक से अधिक वस्तु खरीद सकता है ।
4) क्रेताओं की संख्या में परिवर्तन - जब वस्तु की मूल्य कम हो जाती है तो कुछ उपभोक्ता भी इसकी वस्तु कुछ मात्रा खरीद लेते है । समाज में भिन्न भिन्न क्रय शक्ति वाले उपभोक्ता होते है ।
माँग के नियम के दो अपवाद बताइए ।mang ke niyam ke apvad
1) भविष्य में किसी वस्तु के दुर्लभ होने की सम्भावना - यदि किसी वस्तु के कीमत में वृद्धि के साथ - साथ भविष्य में उस वस्तु की मूल्य में बढने से लोग उस वस्तु को संग्रह करने लगते है ।
2) आवश्यक वस्तुओं के सम्बन्ध में यह नियम क्रियाशीलता नही होता - हम पहले कह चुके है कि मॉग का नियम हास्यसमान तुष्टिगुण नियम पर आधारित है। हास्य समान तुष्टिगुण नियम केवल सुखम अर्थव्यवस्था में ही लागू होता है ।
3) प्रतिष्ठा प्रदान करने वाली अथवा मूल्यवान वस्तुओं पर मॉंग नियम लागू नहीं होता - अपनी मान को बढाने के लिए लोग अथवा कीमती वस्तु का प्रयोग धनी लोग समाज में सम्मान पाने अथवा अपनी सम्पन्नता का प्रदर्शन करने को दिखाते है । अत- ऐसी वस्तुओं का मॉग बढ जाने पर इस तरह की वस्तु का मूल्य और मॉंग अधिक बढ जाते है ।
4) उपभोक्ता की अज्ञानता - कभी - कभी उपभोक्ता अज्ञानता उचे मूल्य पर वस्तुआकें की अधिक मॉंग बढ जाती है ।। इनकी मॉंग घट जाने में इसकी मॉंग कम कर देते है।
5) गिफिन का विरोधाभास - सर रॉबर्ट गिफिन ने बताया कि निम्नकोटि की वस्तुओं के संबंध में मॉग का नियम लागू होते है ।