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आर्थिक नियोजन अर्थ , उद्देश्‍य , इतिहास , विकास की योजना , विशेषताऍं , महत्‍व

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आर्थिक नियोजन के प्रकार pdf

आर्थिक नियोजन की विशेषताएं

भारत में आर्थिक नियोजन PDF

आर्थिक नियोजन 

आर्थिक नियोजन क्या है class 11

आर्थिक नियोजन की विशेषताएं

आर्थिक नियोजन क्या है class 10

आर्थिक नियोजन के प्रकार

आर्थिक नियोजन के उद्देश्य

आर्थिक नियोजन का महत्व

आर्थिक नियोजन क्या है



आर्थिक नियोजन किसे कहते हैं नियोजन के मुख्य उद्देश्य क्या है? bharat mein arthik niyojan ka mukhya uddeshy kya hai

आर्थिक नियोजन से अभिप्राय यह है कि एक ऐसी प्रक्रिय है एक निश्चित समय के अन्‍दर निर्धारित लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने की आर्थिक गुणों का व्‍यवस्थिति ढंग से नियत्रण किया जाता है उसे आर्थिक नियोजन कहा जाता है । 
 इसमें कुछ बाते ध्‍यान रखने योग्‍य है -
1- निर्धारित किये गये लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करना।
2 - निर्धारित किये गये लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने में जो संसाधन का उपयोग किया जाता है उनका विवरण ।
यह सरकार द्वारा समाज में कुशलता पूर्वक बनाये रखने के लिए अधिकतम संसाधनों का प्रयोग किया जाता है । 
     
bhaarat mein aarthik niyojan pdf

भारत में आर्थिक नियोजन के उद्देश्य - भारत में आर्थिक नियोजन का इतिहास

आर्थिक नियोजन एक एसे प्रक्रिया सबसे पहले अपने लक्ष्‍याें एवं उद्दे्श्‍यों को निर्धारित करते है। किसी भी तरह के नियोजन में सफलता के लिए यह स्‍पष्‍ट एवं सुपरिभाषित किया जाय । जिससे उनमें लगने वाले संसाधनों का उपयोग अनुकूलतम प्रयोग के लिए किया जाय।आर्थिक नियोजन में व्‍यक्तियो के जीवनकाल में सुख एवं जीवन स्‍तर को उचा उठाने के लिए किया जाता है । यह विकास के स्‍तर सामाजिक तथा राजनैतिक भी होते है । 

विकास योजनाओं को तीन भागों बॉटा गया है - aarthik niyojan ke prakaar
1 आर्थिक उद्देश्‍य 
2  सामाजिक उद्देश्‍य
3 राजनैतिक उद्देश्‍य  

1 आर्थिक उद्देश्‍य 

१.१ संसाधनों में कुशल उपयोग -

देश में आर्थिक विकास के लिए आवश्‍यकता अनुसार साधनो का उपयोग कुशलता पूर्वक हो । वर्तमान समय में हो रहे साधनों का उपयोग व्‍यवस्थिति ढ़ंग से करना चाहिए । 

१.२ पूर्ण रोजगार होना  -

देश में बेरोजगारी का प्रमुख कारण है  कि पूजी में कमी रहती है और काम करने वाले श्रमिकों की संख्‍या अधिक होती है । देश मे विकास योजनाओं का उद्देश्‍य उद्योग एवं निर्माण जैसे कार्यों को विस्‍तार को बढावा दे। जिससे की सभी को रोजगार उपलब्‍ध हो सके।  

१.३ समान विकास -

आर्थिक नियोजन का उद्देय है कि देश में समान विकास करना होता है। देश में आवश्‍यक है कि जो क्षेत्र पिछडृेृे है उन जगह पर आर्थिक विकास किया जाय । 

१.४ उत्‍पादन की मात्रा में अधिकतम होना -

नियोजन का उद्देश्‍य है कि जो उत्‍पादन वस्‍तु है उनमे उत्‍पादन में मात्रा को बढ़ाना । जिससे की सभी की आर्थिक स्‍तर में सुधार हो सके। और सभी को रोजगार प्राप्‍त हो सके । 

१.५ आर्थिक समानता -

आर्थिक नियोजन का मुख्‍य उद्देश्‍य है कि आर्थिक समानता लाना अत:शासन द्वारा अमीर लोगों पर कर लगाकर तथा गरीबों और सार्व‍जनिक लोगों पर खर्च करेगी जिससे की दोनों आर्थिक समानता आयेगी । 
 

१.६ आत्‍मनिर्भता बनना -

आर्थिक नियोजन का उद्देश्‍य देश में स्‍वयंं पर निर्भर लाने के लिए सभी देश प्रयास करते है । जिससे  देश में आर्थिक  विकास  की मात्रा बढ जाती है और विदेशों से सहायता कम लेना पड़ता है । 

2 सामाजिक उद्देश्‍य -

नियोजन में किसी एक विषय के साथ विकास का उद्देश्‍य नही होता है बल्कि आर्थिक विकास में साम‍ाजिक एवं राजनीतिक प्रभाव भी देखने को मिलते है। 
 

२.१ समाज में सुरक्षा व्‍यवस्‍था करना -

नियोजन का एक उद्देश्‍य यह भी है कि समाज में सुरक्षा की व्‍यवस्‍था करना जिससे श्रमिक अधिक समय तक परिश्रम एवं लगन के साथ कार्य करे। जिससे देश में समृद्धि का विकास हो ।
सामाजिक सुरक्षा  जैसे - दुुर्घटना बीमा, चिकित्‍सा लाभ, आदि व्‍यवस्‍थाएं सम्मिलित होनी चाहिए।

२.२ समाज में नैतिक स्‍तर को विस्‍तार करना  -

समाज में नैतिक स्‍तर बढाने के शासन द्वारा शिक्षा, मनोरंजन एवं स्‍वस्‍थ्‍य पर अधिक खर्च करना चाहिए जिससे लोगों के नैकिता पर प्रभाव पडे़।  

२.३ समाज में अहित कार्यों पर रोक  -

नियोजन का उद्देश्‍य यह भी है कि जो समाज के लिए हानिकारण पदार्थ है उनमें रोक लगा देनी चाहिए जिससे कि सामाजिक कल्‍याण में वृद्धि हो सके । 


3 राजनैतिक उद्देश्‍य 

३.१ आक्रमणों से रक्षा  -

    सभी देश के सरकार का यह प्रमुख उद्देश्‍य है कि वह ऐसी योजनाओं की व्‍यवस्‍था का प्रयोग करे की दूसरे देशों से सुरक्षित रह सके । जिससे देश की आर्थिक विकास में मदद मिल सके । 
 

३.२ शान्ति की स्‍थापना करना  -

देश में श‍ान्ति की स्‍थापना करना बहुत आवश्‍यक है क्‍योंकि शान्‍ति न होने पर देश का विकास नही हो सकता है । देश में समृद्धि के लिए समय-समय पर योजनाओं का सृजन करके देश शान्ति की स्‍थापना करना । नियोजन का प्रमुख उद्देश्‍य है। 

३.२ रीति रीवाजों में परिवर्तन -

नियोजन के माध्‍यम से देश में चल रही परम्‍पराओ में इस प्रकार से परिवर्तन कर ना चाहिए की भविष्‍य में उनकी परिवर्तन की स्थिति अनुकूल रहे।  जो सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं में रीति रीवाज में प्रतिकूल प्रभाव न पड़ सके। इसके लिए शिक्षा का विस्‍तार अधिक किया जाना चाहिए । 

आर्थिक नियोजन की विशेषताएं aarthik niyojan kee visheshataen

1 केन्‍द्रीय नियोजन सत्‍ता -

आर्थिक नियोजन में केन्‍द्रीय सत्‍ता का होना आवश्‍यकत है क्‍योंकि सम्‍पूर्ण अर्थव्‍यवस्‍था की सभी‍ क्रियाओं में सन्‍तुलन रखना और उनको साथ में लेकर नियोजन की लक्ष्‍यों एवं उद्देश्‍य को पुरा कर सके । 

2 निश्चित समय - 

आर्थिक में नियोजन में एक समय का निर्धारण करना आवश्‍यक है क्‍योकि लक्ष्‍यों की प्राप्‍त करने में बहुत आवश्‍यक होता है जिससे निर्धारित समय के अन्‍दर कार्य पूरा हो जाता है ।

3  सम्‍पूर्ण नियोजन  

नियोजन का विकास सभी आर्थिक विकास आर्थिक व्‍यवस्‍था के अन्‍दर होता है । न की किसी एक विशेष पर होती है ।  

4 दीर्घकालीन प्रक्रिया - 

देश के अन्‍दर चलाई गई योजनाओं की प्रक्रिया में दीर्घकालीन समय लगता है क्‍योंकि सभी क्षेत्रों के विकास को एक साथ लेकर चलना पडता है । 

5 सामाजिक कल्‍याण - 

नियोजित अर्थव्‍यवस्‍था में उत्‍पादन के साथ वितरण का भी नियोजन होता है । तथा जिससे समाज में आर्थिक रूप से कल्‍याण हो सके । 

आर्थिक नियोजन का महत्व aarthik niyojan ka mahatv

आर्थिक विकास में देश में समस्‍याओं को दूर करने के लिए आर्थिक नियोजन का महत्‍वपूर्ण स्‍थान है ।
 

1 सीमित साधनों का अनुकूलतम उपयोग - 

देश विकसित होने के लिए सीमित साधनों को अपने आवश्‍यकताअनुसार उपयोग में लेना चाहिए क्‍योकि अगर सही तरीके से उपयोग नहीं किया गया तो देश में प्रतिकूल प्रभाव पडेगा। 

2. दरिद्रता का दुष्‍चक्र - अल्‍प विकसित देशों मेंं निवास कर रहे लोग दरिद्रता में फसे होते है इस चक्र को तोड़ने के लिए पूँजी निर्माण की दर ऊॅंचा  होना आवश्‍यक होता है और यह लक्ष्‍य नियोजन के द्वारा हि दूर किया जा सकता है। 

3. बेरोजगारी की समस्‍या - बेरोजगारी बहुत बडे मात्रा में पायी जाती है जिसको धीमी, आर्थिक विकास की स्थिति में समाप्‍त करना सम्‍भव नहीं होता है। अत: आर्थिक विकास की गति को तीव्र करके बेरोजगारी दूर करने के लिए आर्थिक नियोजन की जरूरत होती है।  

4. तकनीकी विकास - अल्‍प विकसित देशों में तकनीकी का स्‍तर पीछडी होती है  अत: इसे नियोजन के द्वारा इन देशों में नकनीकी का विकास करके आर्थिक विकास  सम्‍भव होता है। 
 

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