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सड़क परिवहन क्या है
सडक परिवहन से आशय यह है कि जब मनुष्य या व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान अपनी सम्पत्ति को सडक मार्ग के माध्यम से ले जाता है तो उसे सड़क परिवहन कहते है । सड़क परिवहन सस्ता एवं अच्छा है क्योंकि कहीं भी जाना से तो सड़क मार्ग का ही प्रयोग किया जाता है । सडका मार्ग एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्रों को जोडने का कार्य करता है । वर्तमान समय में कोई भी ऐसा स्थान नहीं है जो सडक से अछूता हो ।
भारत में परिवहन का महत्व
भारत देश में सडक की शुरूआत प्राचीन काल में हो गई थी जो कि यह प्राचीन काल में लगभग 4000 वर्ष पहले हो हुई थी इसके बाद धीरे-धीरे विकास की ओर बढती गयी । भारत में अनेक शासकों ने सडक निर्माण में विशेष रूप से ध्यान दिया गया जिनमें कुछ शासक अकबर एवं शेरशाह सूरी आदि के नाम उल्लेखनीय है । परन्तु ब्रिटिश शासन काल में सडको के विकास पर कोई ध्यान नही दिया गया था जिससे चलते विकास की स्थिति कमजोर हो गयी थी ।
केन्द्र सरकार ने इस स्थिति को देखते हुए सडक विकास समिति का गठन किया गया यह गठन एम.आर. जयकर की अध्यक्षता हुआ था । यह समिति राज्य एवं स्थानीय सड़कों को भार उठाने में सक्षम नही थी इस कारण से सन 1935 में परिवहन सलाहकार परिषद की स्थापना किया गया ।
भारत में द्वितीय विश्व युद्ध में सड़कों के विकास में अधिक महत्व दिया गया । उस समय सन 1943 में नागपुर में सभी इन्जीनियरों का एक बहुत बडा सम्मेलन हुआ था उस सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया कि सभी क्षेत्रों के सडको को एक साथ विकास करना है उनमें चार वर्गो में विभाजित कर दिया गया 1 राष्ट्रीय सडके , 2 राज्य की सड़के, 3 जिला की सडके 4 स्थानीय सडके ।
सड़क परिवहन के प्रकार क्या है
1 राष्ट्रीय सड़के
राष्ट्रीय सडकें देश की प्राथमिक सड़के होती है क्योकि बड़े शहरो और उद्योगो को जोडने का कार्य करती है इन सड़को की देखभाल एवं विकास केन्द्र सरकार करती है भारत में इनकी कुल लम्बाई लगभग 79116 किलोमीटर है । जो की प्रतिशत में 1.7 है ।
2. राज्य सड़के -
यह सड़के राज्य के प्रमुख उद्योगों और व्यापारिक क्षेत्रों से जोड़ता उसे राज्य सड़के कहते है इन सड़को का देखभाल राज्य सरकार के द्वारा किया जाता है ।
3 जिला सड़के -
ये सड़के जिले के प्रमुख स्थानो को जोडती है जैसे की रेलवे स्टेशन , धार्मिक स्थल, व्यापारिक स्थल और औद्योगिक क्षेत्रों के जोडती है । इस तरह के सड़को का नियंत्रण एवं विकास का जिम्मेदारी जिला सरकार को होती है ।
4 ग्रामीण सडके -
ये सड़के पक्की एवं कच्ची दोनों तरीको से होती है जो गाॅवके प्रमुख स्थानों को जोडती है अकसर आप ने देखा होगा की कोई मंदिर या बाजार के नाम से गाव में सड़के होती है।
सड़क परिवहन का क्या महत्व है?
1 क्षेत्रों के जोड़ने का साधन - देश में लोग अलग - अलग क्षेत्रों में बसे हुए है पहाडी क्षेत्रों में, दूर गामी क्षेत्र में , आदि विभिन्न क्षेत्रों के जोडने के लिए सडक परिवहन सबसे अच्छा एवं सस्ता है जो कि सभी लोग सरलता से सफर कर सकते है ।
2 व्यारियों एवं कृषि - यह संसाधन व्यापारियों को शहर से जोडने कार्य करता है जिससे की जो गॉव में पैदावार होता है उसे शहर के क्षेत्रों जोडने का कार्य करता है जिससे कि गॉव की आर्थिक विकास में सहायता मिलती है और शहर से मुद्रा को प्राप्त करके अपने जीवन को सुधार में लगाता है । ट्र्क , रिक्शा, बैलगाडी, आदि बहुत से साधन से माल ढोने और लाने का कार्य करता हैै। जिसमें - फल, सब्जी, दूध, बहुत सारी ऐसी चीज है जो की शीघ्र नाशवान होती है उनको शहर तक पहुचाने में सडके कार्य करती है ।
3 कम पूॅजी
सड़क निर्माण में कम पूजी की खपत में निर्माण हो जाता है । इसमें ज्यादा तकनीकी का भी प्रयोग नहीं किया जाता है । इस साधन में विशेष वस्तु को गाडी के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जल्दी से ले जाया जाता है।
4 प्रतिरक्षा -
भारत देश में प्रतिरक्षा में सड़क परिवहन का महत्व हैै क्योंकि देश की रक्षा के लिए तकनीकी उपकरण को सडक के माध्यम से रक्षा सीमा तक ले जाया जाता है । जो कि रेल लाइनों से नहीं लाया जा सकता है जैसे - तोपों, टैंकों, सैनिकों को भी लाया एवं से जाया जाता है ।
सड़क परिवहन के समस्या
1 - खराब एवं पर्याप्त मात्रा में सडक का न होना -
देश में पर्याप्त में मात्रा में सड़क न होने के कारण आर्थिक विकास में बहुत प्रभाव देखने को मिलता है । खराब सड़क होने के कारण दुर्घना का शीकार होते है जिससे की जनसंख्या दिनों दिन बढ रही है इस चलते सडक में भीड अधिक हो रही है । जिससे की आये दिन घटना होता रहता हैै।
2 सड़क में भारी वहनों का चलना -
सड़क में आजकल जो परिवहन चलते है उनमें अत्यधिक मात्रा में भार लोड किया जाता है जिससे की गाडीयों का नियंंत्रण करना मुश्किल हो जाता है जिससे की लोगो को सड़क दुर्घटना का शिकार होता है और रोड के क्षमता से अधिक होने से सड़क भी खराब होती हे ।
3. अधिकारियों में भ्रष्ट्रा्चार का होना -
आजकल ऐसे लोगों को लाइलेन्स या प्रमाण पत्र दे देते है जो कि आगे चलकर दुर्घना का अजाम देते है । जगह- जगह पर लोगों के दुर्घना होता रहता है जो की अपने गाडी पर नियंत्रण नही कर पाते है ।
4 राज्य में परिवहन निगमो के बीच समन्वय - अलग - अलग क्षेत्रों के परिवहन के बीच सतुलन का स्थिपित होना जिससे की विकास में बाधा उत्पन्न न हो
सड़क परिवहन के निराकरण
1- सड़को का निर्माण एवं रखरखाव - सरकारो द्वारा रोड का निर्माण होने के बाद उनमें जनता द्वारा रखरखाव नहीं किया जाता है जगह- जगह पर रोड को काट दिया जाता है जो कि खराब हो जाती है और उनमें भारी मात्रा में वाहनों को रोकना आदि ।
2 वाहनों में लगने वाले कर को कम करना - जब लोग गाडी मोटर आदि को खरीदते है तो उनमें भारी मात्रा कर लगाया जाता है जिससे की उनका चलन कुशल मात्रा में नही हो पाता है ।
3 निजीकरण - निजी वाहनाे के साथ राजकीय वाहनों को संचालन करने की अनुमति दी जाये जिससे की अर्थव्यवस्था में सुधार हो सके ।
4. भ्रष्ट्रा्चार - गाडी की लाइसेन्स देने में देरी करना । और गाडी के कागज देने देरी करना जिससे की समय में न
मिलना।