rail parivahan ka mahatva
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परिवहन से आप क्या समझते हैं?
परिवहन का शाब्दिक अर्थ है मनुष्य द्वारा बनाई गई सम्पति को एक जगह से दूसरी जगह पर लाने और ले जाने को वाले साधन को परिवहन कहते है । परिवहन साधनो से आशय उस साधन से जिससे व्यक्ति अपनी सम्पति को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए जिस साधन का उपयोग करता है उसे परिवहन संसाधन कहते है । परिवहन के अन्तर्गन आने वाले साधन इस प्रकार है - रेल, सडक, जल और वायु आदि संसाधनों का वर्तमान में प्रयोग किया जाता है ।
परिवहन के चार प्रकार क्या है
सार्वजनिक परिवहन के प्रकार
परिवहन के प्रकार निम्नलिखित है -
1 - रेल परिवहन
2- सडक परिवहन
3- जल परिवहन
4- वायु परिवहन
रेल परिवहन क्या है
रेल परिवहन को देश की माल एवं यात्री के लिए महत्वपूण संसाधन है । यह देश के विभिन्न क्षेत्रों को जोडने का कार्य करता है। देश में दूर स्थिति क्षेत्रों के व्यक्ति को देश की यात्रा, तीर्थ यात्रा एवं शिक्षा के संस्थानों तक पहुचाने का कार्य करती है जिससे की एकता को बनाई रखती है । यह देश की आर्थिक जीवन को सुधार करने के लिए महत्व पूर्ण योग्दान है । भारत में रेल परिवहन की शुरूआत 16 अप्रैल 1853 मे हुआ जो की पहली रेलगाडी मुम्बई से ठाणें तक 34 किलोमीटर चली थी। फिर देश के दूर दराज के इलाको को जोडने ओर रेल्वे का विस्तार किया गाया था। जिससे की लोगों की व्यापार आथिक स्थिति की सुधार किया गया है और समय समय पर इसमें सुधार किया जाता है जो कि समय और आधुनिक परिवर्तन से जोडने का कार्य करती है जिसके अनुरूप सभी के यात्रा से साथ अनेक सुविधाये देने के लिए भी विस्तार की ओर कार्य कर रहा है । आधुनिक समय में जो कार्य कई सप्ताह बित जाते थे लेकिन रेल्वे के चलते आज वह एक या दो दिन में कार्य पूरा कर देती है । इसकी सुधार के लिए नई समिति का गठन किया गया है जिससे की समय रहते उन त्रुटियो को सूधारने के प्रयास में लगे रहते है इसमें लगभग 150 लोगाें को रोजगार उपलब्ध कराती है इससे की बेरोजगार लोगो को रोजगार मिल सके जिससे की लोगों के आर्थिक विकास में सहायता मिल सके ।
रैलों का गठन
स्वतंत्रता के समय भारत में 37 रेलों के व्यवस्था थी
भारत सरकार ने सभी रेलों के सुधार के लिए 17 क्षेत्रों में बॉट दिया है जिससे की सभी क्षेत्रों का सुधार समय में हो सके ।
रेल्वे का विकास -
देश की आर्थिक विकास के साथ - साथ सामाजिक विकास केलए रेलों के महत्व की ध्यान में रखकर जब पंचवर्षीय योजनाओ ने रेल्वे को विकास करने के लिए अधिक महत्व दिया है चाहे वह पहली दूसरी तीसरी चौथी तथा पंचमी आदि सभी योजनाओं में बजट के अनुसार व्यय किया गया तथा सातवी योजना में रेल परिवहन पर 16549 करोड रूपये के लगभग व्यय किया गया था आठमी एवं नवींंयोजना में रेल परिवहन पर सुधार के लिए बजट के अनुसार व्यय किया गया है।
रेल परिवहन का महत्व बताइए
1.कृषि के क्षेत्र में महत्व
देश में रेलों का महत्व विभिन्न क्षेत्रों में है और सभी क्षेत्रों के अलग- अलग है जैसे कृषि के क्षेत्र में व्यापरियों को अपने समान को वहॉ तक पहुचाना जहाॅ पर उस वस्तु की कमी है जिससे उसको अधिक लाभ होता है और वह किसानों से अधिक मूल्य पर खरीदता जिससे की व्यापारियों के साथ साथ किसान को भी अच्छा लाभ मिलता है और देश की आर्थिक विकास को बनाने सहायता करता है ।
2 उद्योग के क्षेत्र में महत्व
उद्योग में लगने वाले मशीनो के पार्ट एवं माल में शीघ्रता से पहुचाने में इसका अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत में बहुत से ऐसे उद्योग है जो कि रेलों के चलते हि उनका उघोग चल रहा है । और जो उद्योग से निर्मित वस्तुओं को दूर दराज के देशें तक पहुचाने के लिए भी इसका महत्वपूर्ण स्थान है ।
3 आपातकालीन समय में नियंत्रण
जब किसी क्षेत्र में प्रकृृृतिक आपदाओं खाद्यानों सामाग्री एवं आवश्यक वस्तु को पहुचाने के लिए भी अधिक महत्वपूर्ण स्थान है जिससे की उनकी समस्याओं को समाधान का निराकरण किया जा सके।
4 सामाजिक क्षेत्र में महत्व
देश में समय के साथ समाज पर भी इसका महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि जो लोग गॉव से बाहर कार्य करने नहीं जाते थे आज वह सब लोग दूर दराज के राज्यों में कार्य करने के लिए जाते है जिससे कि शहर के साथ हि गॉव का भी विकास उसी हिसाब से होने लगा ।
रेल परिवहन की समस्या क्या है?
भारतीय रेलवे की प्रमुख समस्या क्या है?
1. बिना टिकट की यात्रा करना - बहुत से ऐसे लोग होते है जो की बिना टिकट के यात्रा करते है जिससे रेलवे को करोडों रूपये की हानि होती है । जिससे की रेलवे की आथिक विकास में बॉधा उत्पन्न होती है । इस लिए रेलवे समय-समय पर गाइड लाइन देता रहता है फिर भी लोग नहीं मानते है इससे की अतिरिक्त भीड हो जाती है ।
2 रेलवे द्वारा यात्रीयो को दी जाने वाली सुविधांंए-
यात्रियों के यात्रा के दौरान दी जाने वाली सुधाएं कम होती है । जिसके चलते कुछ लोग रेलवे पर यात्रा करना पसंद नहीं करते है। जिससे की रेलवे को आर्थिक हानि होती है जिसके सुधार पर सरकार नये नये नियम लागू किये जाते है ।
3 रेलवे से होने वाली दुर्घटनाऍ
रेलों से आये दिन जान-माल की दूर्घटना होती रहती है जो कि यह प्रमुख समस्या है । जिसके चलते रेलवे की सम्पत्ति का भी नुकसान होती है । बहुत से ऐसे कारण जैसे - रेलवे का फाटक खुला रहने से भी जान- माल की हानि होती है । इस समस्या को निराकरण के लिए संगठन समितियों को बनाया गया है ।
4 अन्य समस्याए-
समय से न चलना, ब्रेक फेल होना, पुरानी इंजन को नवीनी करण न करना आदि बहुत से ऐसे भी समस्याऍ जिसके चलते लोगों तथा यात्रियों को समस्या होती है ।
रेलवे की समस्याओं का निराकरण -
1 प्रशासन - कर्मचारियों द्वारा जो भ्रष्टाचार हो रहा है उनमें सुधार किया जाये । और नये तकनीकीयों का परीक्षण कर कर उनमें सुधार किया जाये। प्रशासन द्वारा समय -समय में निरीक्षण किया जाना चाहिए ।
2 आधुनिकीकरण का प्रयोग किया जाना - रेलवे में नये - नये तकनिकियों को जोडे जिससे हो रही गडबडी का सुधार किया जाना चाहिए जिससे आये दिन हो रहे दुर्घनाओं सुधार हो सके ।
3 रेलों में डिब्बों का निर्माण - रेलों में यात्रियों एवं माल ढोने के डब्बों की कमी को दूर किया जाना चाहिए ।
4 यात्रियोंं का निरीक्षण करना - जो लोग बिना टिकट के यात्रा करते है उन पर कडी कार्यवाही किया जाए